नयी दिल्ली, भारत, अगस्त 17, 2021—सबसे कमजोर लोगों को सुरक्षा देने, और कंपनियों को अपना कारोबार चलाते हुए रोजगार बचाने में उनकी मदद करने के लिए आइएफसी दक्षिण एशिया पर ज़ोर देते हुए निरंतर जो निवेश कर रही है उसका वित्त वर्ष 2021 में बहुत असर पड़ा है. उसका ज़ोर स्वास्थ्य सेवा, वैक्सीन एवं अन्य मेडिकल सामग्री की सप्लाइ को बढ़ाने; बड़ा झटका खाए लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को समर्थन देने के साथ ही अक्षय ऊर्जा, सस्ते आवास, और मुश्किल में पड़ी संपत्तियों को उबारने पर रहा है.
कोविड-19 के कारण पैदा हुए भारी सामाजिक तथा आर्थिक उथलपुथल से ग्रस्त मुश्किल वर्ष में आइएफसी ने दक्षिण एशिया में अल्पकालिक वित्त उपलब्ध कराने के साथ-साथ जून 2021 तक 3.8 अरब डॉलर का निवेश करने का फैसला कर लिया है. इसके फलस्वरूप पर्यारण अनुकूल, समावेशी, और मजबूत आर्थिक सुधार के लिए आइएफसी ने इस क्षेत्र में पिछले पांच साल में 14.9 अरब डॉलर का रेकॉर्ड निवेश किया है.
दुनिया भर के देशों में भारत आइएफसी का सबसे बड़ा ग्राहक है, जहां उसने जून के अंत तक कुल 1.7 अरब डॉलर के निवेश का फैसला कर लिया था, जो पिछले साल के मुक़ाबले 51 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह, बांग्लादेश में आइएफसी ने 7.91 करोड़ डॉलर के निवेश का वादा किया है, जो पिछले साल से करीब 33 फीसदी ज्यादा है.
एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए आइएफसी के वाइस प्रेसिडेंट अल्फ़ोंसो गार्शिया मोरा ने कहा, "कोविड-19 के संकट ने इस क्षेत्र के सबसे कमजोर लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव डाला है, और इसके निजी क्षेत्र पर भी बहुत असर डाला है. कोविड-19 ने वित्त सेक्टर में इस क्षेत्र की मौजूदा कमजोरियों को सामने ला दिया है, जिसने व्यवसायों, खासकर 'एमएसएमई' उपक्रमों को अस्तव्यस्त कर दिया और कई लोगों की कमजोरी उजागर कर दी. इसीलिए हमने कई मोर्चों को मजबूत बनाने के उपायों को समर्थन देने पर ज़ोर दिया है, क्योंकि सारे संकेत यही हैं कि आर्थिक सुधार में लंबा वक़्त लगेगा."
आइएफसी ने दक्षिण एशिया में कोविड से मुक़ाबले के उपायों के लिए 5.90 करोड़ डॉलर का निवेश करने का वादा किया है. आइएफसी के फास्ट ट्रैक वित्तीय समर्थन ने विभिन्न सेक्टरों में ग्राहकों को ऐसे समय में मदद दी है, जब महामारी के आर्थिक परिणामों ने बाज़ार के माहौल को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसके अलावा, आइएफसी ने क्लाइमेट फाइनान्स में 3.53 करोड़ डॉलर का और इस क्षेत्र के आइडीए/एफसीएस (अंतरराष्ट्रीय विकास संघ/ फ्रैजाइल ऐंड कन्फ़्लिक्ट सिचुएसन्स) वाले देशों को 4.90 करोड़ डॉलर की मदद देने का वादा किया है.
आइएफसी 'पीपीई किट' और वैक्सीन आदि मेडिकल सामान और दवाओं के उत्पादन के लिए पहले ही वित्तीय सहायता और परामर्श सेवा दे रही है. वह इस क्षेत्र की निजी कंपनियों को जरूरी नकदी उपलब्ध कराने पर भी ध्यान देगी ताकि वे अपना काम जारी रखें और रोजगार की सुरक्षा तथा उसके अवसर पैदा करते रहें.
दक्षिण एशिया के लिए आइएफसी के नए रीज़नल डाइरेक्टर हेक्टर गोमेज आंग ने कहा, "महामारी के प्रभाव के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के मामले में इस क्षेत्र की कमजोरी ने ऐसे सहकारी, मजबूत, और जलवायु अनुकूल आर्थिक सुधार की जरूरत को रेखांकित किया है, जो भावी झटकों को झेल सके. यह खास तौर से दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले दुनिया के पांच बड़े देशों में से तीन देश इसी उपमहादेश में हैं."
दक्षिण एशिया दुनिया में सबसे तेजी से आर्थिक प्रगति कर रहे क्षेत्रों में शामिल है, लेकिन अनुमान हैं कि अगर यहां के देशों ने उपयुक्त उपाय नहीं अपनाए तो इस क्षेत्र की कुल वार्षिक जीडीपी में वर्ष 2050 तक औसतन 1.8 प्रतिशत की, और 2100 तक 8.8 प्रतिशत की कमी आ जाएगी. अनुमान यह भी है कि 2030 तक इस क्षेत्र में जलवायु के मामले में 3.4 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के बराबर निवेश की संभावना बनी रहेगी.
विश्व बैंक समूह की 'क्लाइमेट चेंज ऐक्शन प्लान' (2021-2025) के तहत आइएफसी ने सभी नये रियल सेक्टर ऑपरेशन्स को 1 जुलाई 2025 तक पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनूरूप ढालने का फैसला किया है. इसके अलावा अगले पांच साल तक जलवायु के लिए उसने औसतन 35 फीसदी वित्तीय सहायता देने का लक्ष्य तय किया है. आइएफसी भरोसेमंद निवेश अवसरों का निर्माण करने, और 'सीसीएपी' के मुताबिक पांच प्रमुख सेक्टरों को कार्बन मुक्त बनाने के लिए निजी वित्तीय सहायता को आगे बढ़ाने के प्रयास तेज करेगी.
आइएफसी के बारे में
IFC—a member of the World Bank Group—is the largest global development institution focused on the private sector in emerging markets. We work in more than 100 countries, using our capital, expertise, and influence to create markets and opportunities in developing countries. In fiscal year 2020, we invested $22 billion in private companies and financial institutions in developing countries, leveraging the power of the private sector to end extreme poverty and boost shared prosperity. For more information, visit www.ifc.org.
जुड़े रहें
www.facebook.com/IFCwbg
www.twitter.com/IFC_org
www.youtube.com/IFCvideocasts
www.ifc.org/SocialMediaIndex
www.instagram.com\ifc_org
www.ifc.org/southasia
www.linkedin.com/showcase/ifc-asiapacific/
www.facebook.com/IFCsouthasia
www.twitter.com/IFC_SouthAsia
Sign up to have customizable news & updates sent to you.