वाशिंगटन , डीसी , 29 अक्तूबर 2020 — कोरोना महामारी के खिलाफ आइएफसी (इंटरनेशनल फ़ाइनान्स कॉर्पोरेशन) की पहल विकासशील देशों के सबसे अभावग्रस्त लोगों तक पहुंच बनाने पर केन्द्रित रही है. मार्च 2020 में आइएफसी के बोर्ड ने ‘ आइएफसी कोविड-19 फास्टट्रैक फाइनांसिंग ’ के मद में 8 अरब डॉलर की राशि वित्तीय सहायता के रूप में देने की मंजूरी दी , जिसमें से अब तक 4 अरब डॉलर आवंटित की जा चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि इसमें से करीब आधी रकम से निर्धनतम देशों के अभावग्रस्त लोगों और कमजोर देशों को लाभ हासिल होगा. और बाकी रकम दूसरे विकासशील देशों और उभरते बाज़ारों को कोविड-19 से लड़ने में मदद करेगी.
विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा है , “विकासशील देश सबको साथ लेते हुए , टिकाऊ और मजबूत तरीके से इस संकट से और बढ़ती गरीबी के इस दौर से उबरें , इसके लिए निजी क्षेत्र की मदद करना बेहद महत्वपूर्ण है. ‘ आइएफसी कोविड-19 फास्टट्रैक फाइनांसिंग ’ के साथ हमारा लक्ष्य कॉर्पोरेट और वित्तीय संस्थाओं जैसे अपने ‘ क्लाएंट ’ को जरूरी नकदी उपलब्ध कराना है , जो कार्यगत पूंजी मुहैया कराने के साथ रोजगार को सहारा देगा और व्यापार को आसान बनाएगा.”
आइएफसी के बोर्ड ने महामारी के कारण प्रभावित हुई कंपनियों की वित्तीय सहायता के लिए मार्च में 8 अरब डॉलर की राशि की मंजूरी दी. उभरते बाज़ारों में निजी क्षेत्र पर ज़ोर देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी विकास संस्था आइएफसी ने इसके बाद से फास्टट्रैक सुविधा के व्यापार-वित्त के अंतर्गत आवंटित पूरे 2 अरब डॉलर बांट दिए हैं. इससे हमारे क्लाएंट, उन वित्तीय संस्थाओं को उन व्यवसायों को नकदी उपलब्ध कराने में मदद मिल रही है, जो व्यापार पर निर्भर हैं, खासकर माइक्रो, लघु और मझोले आकार के उपक्रमों (एमएमएमई) को जो रोजगार के बड़े स्रोत हैं.
आइएफसी की इंटरिम मैनेजिंग डाइरेक्टर, एक्सक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ ऑपरेटिव अफसर स्टेफानी वोन फ्रीडबर्ग ने कहा, ‘ आइएफसी कोविड-19 फास्टट्रैक फाइनांसिंग ’ की व्यवस्था वित्तीय संस्थाओं को और रियल सेक्टर में हमारे क्लाएंट्स को फौरन नकदी उपलब्ध कराने के लिए की गई है ताकि रोजगारों को सुरक्षित किया जा सके और अल्पकालिक नुकसान को रोका जा सके. हम उम्मीद करते हैं कि निजी क्षेत्र में अपने क्लाएंट्स को समर्थन देकर और हस्तक्षेप करके हम दीर्घकालिक तौर पर आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करेंगे और इस तरह कोविड-19 के शांत होने के बाद बेहतर, अधिक मजबूत और टिकाऊ भविष्य के लिए रास्ता बनाएंगे.”
आइएफसी ने उपरोक्त फाइनांसिंग सुविधा के अंतर्गत अतिरिक्त 2 अरब डॉलर देने का वादा किया है जिससे उस हरेक क्षेत्र को लाभ होगा जिसमें आइएफसी ऑपरेट करता है. इस वित्तीय सुविधा का कई तरह के कामों में उपयोग हो रहा है— स्वास्थ्य सेवा देने वालों को ताकत देने से लेकर मार खाए टूरिज़्म सेक्टर तक, और सक्षम व्यवसायों को बनाए रखने तक में ताकि रोजगारों को सुरक्षा मिले. अतिरिक्त 62.3 करोड़ डॉलर निजी क्षेत्र के सहयोगियों में से इन क्लाएंट्स के लिए इकट्ठा किए गए हैं.
इसके अलावा, दुनिया के निर्धनतम देशों में निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक समूह द्वारा गठित ‘आइडीए प्राइवेट सेक्टर विंडो’ (पीएसडब्लू) ने मार्च के बाद से 28.1 करोड़ डॉलर का गारंटीशुदा प्रावधान किया है, ताकि जिन देशों में जरूरत है वहां लघु एवं मझोले उपक्रमों (एसएमई) को व्यापार-वित्त और कार्य-पूंजी के लिए कर्ज के रूप में सहायता दी जा सके.
आइएफसी की पहल विश्व बैंक समूह के उन व्यापक एवं तेज प्रयासों का हिस्सा है, जो विकासशील देशों में महामारी से लड़ने, रोग पर निगरानी रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्यसेवाओं में सुधार को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं. विश्व बैंक समूह अगले 15 महीनों में 160 अरब डॉलर देने की वित्तीय क्षमता रखता है, जिसमें निजी क्षेत्र को समर्थन देने के लिए आइएफसी की 47 अरब डॉलर की क्षमता शामिल है.
भविष्य में आइएफसी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सक्षम व्यवसायों के पुनर्गठन और उन्हें पुनः पूंजी उपलब्ध कराने के लिए काम करेगा और सबको साथ लेकर चलने वाले टिकाऊ तथा मजबूत आर्थिक सुधारों के लिए आधार तैयार करने का प्रयास करेगा. अगस्त में आइएफसी ने 4 अरब डॉलर के ‘ग्लोबल हेल्थ प्लेटफ़ार्म’ का उदघाटन किया, जो विकासशील देशों को मास्क, वेंटिलेटर, टेस्ट किट, और अंततः कोविड-19 के वैक्सीन आदि मेडिकल सप्लाई तक पहुंच बढ़ाने में मदद कर रहा है.
‘ आइएफसी कोविड-19 फास्टट्रैक फाइनांसिंग ’ की सुविधा के अंतर्गत लघु तथा मझोले उपक्रमों की सहायता करने के लिए आइएफसी जो प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है उनके कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं—
+ यूगांडा में आइएफसी ने इंटरनेशनल मेडिकल ग्रुप को 40 लाख डॉलर का कर्ज देकर अस्पतालों तथा क्लीनिकों में लाखों मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं को मजबूती दी है.
+ नाइजीरिया में आइएफसी ने एफसीएमबी, एक्सेस, और जेनिथ को कुल 2 करोड़ डॉलर कर्ज देकर कई सेक्टरों के उन कई एसएमई की सहायता की है जिन्हें कार्यगत-पूंजी या व्यापार-वित्त के मामलों में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था.
+ मिस्र में आइएफसी ने ‘ कोविड-19 फास्टट्रैक फाइनांसिंग ’ के जरिए व्यापार के लिए वित्त उपलब्ध कराया है ताकि व्यवसायों को खाद्य सामग्री और मैनुफैक्चरिंग के लिए इनपुट जैसी जरूरी चीजें आयात करने में सुविधा हो.
+ बांग्लादेश में आइएफसी ने ‘पीआरएएन’ समूह की कंपनी मेमनसिंह एग्रो लिमिटेड में 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश करके उसे अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद की, ताकि वह सस्ते और उत्तम खाद्य सामग्री का उत्पादन कर सके.
+ वियतनाम में आइएफसी ने फू माइ हुंग डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को 7.5 करोड़ डॉलर उपलब्ध करा के 300 एसएमई समेत पूरे व्यवसाय जगत को राहत पहुंचाई है.
+ यूक्रेन में आइएफसी ने एक प्रमुख कृषि उत्पादक को कार्यगत-पूंजी उपलब्ध कराके महामारी के कारण मांस के उत्पादन में आई बाधाओं को कम करने और घरेलू खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में सहायता की है.
+ ब्राज़ील में आइएफसी ने एसएमई तथा महिला व्यवसायियों को उधार देने वाले देकोवल बैंक को 10 करोड़ डॉलर का कर्ज देकर रोजगारों की सुरक्षा देने तथा आर्थिक सदमों को कम करने में मदद दी है.
आइएफसी के बारे में : आइएफसी विश्व बैंक की सहयोगी संस्था, और विश्व बैंक समूह का एक सदस्य है. यह सबसे बड़ी ग्लोबल डेवलपमेंट संस्था है, जिसका ध्यान उभरते बाज़ारों में निजी क्षेत्र पर केन्द्रित है. हम 100 से ज्यादा देशों में काम कर रहे हैं और अपनी पूंजी, विशेषज्ञता और प्रभाव का उपयोग करके विकासशील देशों में बाज़ार और अवसरों का निर्माण कर रहे हैं. वित्त वर्ष 2020 में हमने विकासशील देशों में निजी कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं में 22 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया और निजी क्षेत्र की ताकत का उपयोग करके घोर गरीबी को खत्म करने और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के प्रयास किए. ज्यादा जानकारी के लिए देखें: www.ifc.org
आइडीए प्राइवेट सेक्टर विंडो के बारे में : आइडीए18 की रेकॉर्ड 75 अरब डॉलर की भरपाई के हिस्से के तौर पर विश्व बैंक ने 2.5 अरब डॉलर की आइडीए प्राइवेट सेक्टर विंडो बनाई ताकि सबसे गरीब और कमजोर देशों में निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जा सके. आइडीए18 के लक्ष्यों और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में निजी क्षेत्र की मुख्य भूमिका को स्वीकार करते हुए यह विंडो आईएफसी और मल्टीलैटरल इनवेस्टमेंट गारंटी एजेंसी (एमआइजीए) के साथ निजी निवेशों के लिए रियायती शर्तों पर कोश उपलब्ध करती है. इस तरह के रियायती कोश से जोखिमों और बाधाओं को कम करने में मदद मिलती है, जिससे उभरते बाज़ारों में निजी निवेशों का रास्ता साफ होता है. ज्यादा जानकारी के लिए देखें-- https://ida.worldbank.org/psw910
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